अपने दुःखों का कारण ? | Apne Dukho Ka Karan | Buddh Story

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apne dukho ka karan ? buddh story
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एक समय की बात है भगवान बुद्ध एक नगर में भ्रमण कर रहे थे | उस नगर में आम आदमी के मन में बुद्ध के विरोधीओ ने यह बात फैला दी थी की बुद्ध ढोंगी है , और हमारे धर्म को नष्ट कर रहा है |

इस वजह से उस नगर के लोग बुद्ध को दुश्मन मानते थे | जब बुद्ध को नगर में आते देखा तो नगर के लोग उसे भला बुरा और गाली देने लगे |

गौतम बुद्ध नगर के लोगो की बात बिना कुछ बोले शांति से सुनते रहे थे | जब नगर के लोग बोलते बोलते थक गए तो महात्मा बुद्ध बोले , क्षमा चाहता हु ! लेकिन अगर आप लोगो की बाते ख़त्म हो गयी हो तो मे अंदर आ जाऊ |

बुद्ध की बात सुनकर नगर के लोग सब आश्चर्यचकित हो गए | तभी वहा खडा एक आदमी बोला ओ भाई हम तुम्हारी प्रशंसा नही कर रहे , हम तुम्हे गालिया दे रहे है | क्या तुम पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है |

बुद्ध बोले चाहे आप मुझे कितनी भी गालिया दे दो , मुज पर इसका कोई असर नहीं होगा | क्युकी मे आपकी गालियो का स्वीकार ही नहीं करूँगा | इस लिए जब मे इन गालियो का स्वीकार नहीं करूँगा तो ये गालिया आपके पास ही रहेगी |

बुद्ध का ये विचार हमारे जीवन मे बहोत कुछ बदलाव ला सकता है | क्युकी , बहोत से लोग अपने दुःखो कारण दुसरो को मानते है | लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं होता , ये सब हमारे कर्म और हम पर निर्भर होता है | और हम सब Negative  बात अपने ऊपर ले लेते है |

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